बस में मिले मोटे लंड से गांड मराई

बॉटम गे Xxx कहानी में पढ़ें कि मैं गांड मरवाने का शौकीन हूँ. एक बार बस में मैंने एक आदमी का लंड पकड़ लिया और उसे मेरी गांड मारने के लिए तैयार कर लिया.

मैं पहले आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं फिरोज हूँ, मेरी उम्र 57 साल की है.
अच्छा स्वास्थ्य है और मैं थोड़ा मोटा हूँ. मेरी कमर 36 इंच, चूतड़ों का नाप 39 इंच और छाती मर्दाना है. मैं गोरा हूँ, मगर एकदम गोरा नहीं.

मैं एक बॉटम हूँ.
गे सेक्स को पसंद करने वाले लोग बॉटम शब्द से परिचित होंगे.
जो नहीं जानते हैं, उनके लिए बताना चाहूँगा कि जो गांड मराने के शौकीन होते हैं, वो बॉटम कहलाते हैं … और जो गांड मारने के शौकीन होते हैं, वो टॉप कहलाते हैं.

यह बॉटम गे Xxx कहानी आज से लगभग दस साल पहले की है. उस दिन मैंने अपनी स्कूटर सर्विसिंग के लिए दी थी इसलिए मुझे ऑफिस से बस से जाना पड़ा.
ड्यूटी से आते समय आवागमन बहुत ज्यादा होता है इसलिए बस में बहुत भीड़ थी.

मैं बस में खड़ा था, पब्लिक बहुत ज्यादा होने के कारण सब एक दूसरे से चिपके हुए खड़े थे.
मैंने महसूस किया कि मेरे पीछे के आदमी का लंड मेरे चूतड़ों की दरार में टच कर रहा है.

मैंने उसको समझने के लिए उसके लंड पर अपने चूतड़ों को रगड़ कर देखने लगा.
मैं ऐसे कर रहा था मानो बस के चलने के कारण मैं हिल रहा हूँ.

थोड़ी देर के बाद मुझे उस आदमी का लंड कुछ मोटा होता हुआ महसूस हुआ.
मुझे मजा आने लगा और मैंने अपने चूतड़ों को कुछ इस तरह से घुमाया कि उस आदमी का लंड मेरे चूतड़ों की दरार में चलने लगे.

उसका लंड मेरे चूतड़ों की खाई में आ गया.

मैंने उसका लंड अपने चूतड़ों में जकड़ कर हल्के से ऐसे दबाया, जैसे बस के झटके के कारण उसका लंड अन्दर आ गया हो.
अब वो भी समझ गया और मुझे रेस्पॉन्स देने लगा.

जब मैं अपने चूतड़ों की खाई में उसके लंड को अन्दर को लेता, तो वो खुद अपना लंड अन्दर की तरफ घुसेड़ने लगा.
मैं भी अपने चूतड़ों को पीछे करके उसको सहयोग देने लगा.

अब उसने अपने लंड को मेरी गांड में सही से सैट किया और अपना हाथ आगे लाकर मेरी कमर पकड़ कर दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया.
वो भी मज़ा लेते हुए एकदम गर्मा गया था.

मैं उसके साथ मज़ा लेना चाहता था इसलिए ठीक से चैक कर लेना चाहता था कि उसका लंड कैसा है.
मुझे छोटे साइज़ के लंड से मज़ा नहीं आता है, कम से कम लंड 5 इंच से ज्यादा होना ही चाहिए.
इसलिए मैं अपना हाथ पीछे ले गया.

वो समझ गया कि मैं उसका लंड पकड़ना चाहता हूँ.
उसने मेरी गांड में से अपने लंड को हटा दिया.

मैंने उसकी पैंट पर लंड की जगह हाथ से टटोल कर देखा कि उसका लंड 5 से 6 इंच का था और अच्छा मोटा लग रहा था.

वो मेरे कान के पास आकर बोला- कैसा है?
मैं बोला- अच्छा है.

वो बोला- तुम्हारा भी अच्छा है.
मैंने कुछ नहीं कहा.

थोड़ी देर में वो मुझे बस से उतरने को बोला.
मैं उतर आया.

हम दोनों एक रेस्टोरेंट में आ गए और चाय पीने लगे.
हमारे बीच तय हुआ कि शनिवार रात में डेस्टिनेशन ईव्निंग नामक जगह पर मिलेंगे और उस रात हम दोनों किसी लॉज में रहेंगे.

वो उम्र में मुझसे छोटा था, उसकी उम्र लगभग 35 साल की रही होगी. वो छरहरे शरीर का था.
उसने अपना नाम वसीम बताया था.

मैं समझ गया था कि वो हर तरह के सेक्स में पारंगत है और मुझे भी वो अपने जैसा ही समझ रहा था.

हम अपने तयशुदा प्लान के अनुसार अपनी फिक्स की हुयी जगह पर शाम को आ गए.
वो ड्रिंक लेता था इसलिए उसने आते समय एक बॉटल व्हिस्की की ले ली थी जबकि मैं नहीं पीता था.

हम दोनों ने लॉज में आने से पहले कंडोम का पैकेट ले लिया.
मैंने चिकनाई के लिए एक तेल की शीशी ले ली थी

हम दोनों ने अपने लिए खाना भी एक होटल से पैक करवा लिया और सब सामान लेकर लॉज में आ गए.
उधर हम दोनों ने एक रूम बुक कर लिया.

तब तक शाम के 7.00 बाज चुके थे.
रूम में जाने के बाद हम दोनों ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और बेड पर लेट गए.

बिस्तर पर आकर हम दोनों एक दूसरे को किसिंग करने लगे और एक दूसरे को आलिंगन करने लगे.
कुछ उत्तेजना बढ़ी तो हम दोनों 69 में आ गए.

अब वो मेरा लंड चूसते हुए मेरी गांड में भी अपनी उंगली डाल रहा था.
मैं भी उसका लंड चूसते हुए उसकी गांड में उंगली डाल रहा था.

मुझे मालूम था कि उसको फिंगरिंग करने से मज़ा आएगा.

उसका लंड करीब 6 इंच से कुछ कम था मगर मेरे लंड से कुछ ज्यादा मोटा था.
मेरा लंड पूरा 6 इंच है मगर तब भी मुझे गांड मारने की इच्छा ही नहीं होती, सिर्फ लेने की इच्छा होती है.

ओरल सेक्स खत्म होने के बाद वो बोला- आप कुछ ग़लत मत समझना, मैं पहले आपकी गांड मारना चाहता हूँ. मुझे गांड में अपना लंड डाल कर बैठे हुए ड्रिंक करने में मज़ा आता है.
मैं बोला- इसमें ग़लत समझने वाली कोई बात नहीं है. आ जाओ अपनी पोजीशन ले लो.

मैंने चिकनाई लगाकर दो उंगलियां अपनी गांड लीं और में अपनी गांड में उंगली चला कर उसे ढीला कर लिया.
फिर अपने छेद के चारों तरफ कुछ ज्यादा सी चिकनाई लगा कर गांड को तैयार कर लिया.

वो अपने लंड पर कंडोम चढ़ा कर मुझसे बोला- आप औंधे लेट जाओ.
मैं अपने पेट को बेड पर रख कर लेट गया.

उसने मेरे पेट के नीचे हाथ डाला और मेरे लंड के नीचे एक तकिया लगा दिया, इससे मेरी गांड ऊपर को उठ गई.

उसने मेरी टांगें खोल दीं और मेरे ऊपर चढ़ गया. उसने अपने खड़े लंड के सुपारे को मेरी गांड के छेद के ऊपर सैट कर दिया.

अब उसने अपनी दारू की बोतल मेरे मुँह के सामने रख दी और एक ग्लास में पैग बना लिया, साथ ही फ्राइड काजू की प्लेट भी उधर रख दी.

फिर उसने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और कंडोम पर भी चिकनाई लगा कर मेरे चूतड़ों को खोल कर मेरे छेद पर अपने लंड का सुपारा रख कर रगड़ा.

उसके लंड अहसास पाते ही मैंने उसके लंड को पकड़ कर अपने छेद पर सैट कर दिया.
उसने लंड को दाब दी, तो थोड़ा सा सुपारा गांड के अन्दर घुस गया.

सुपारा गांड के छल्ले में फंसते ही उसने एक धक्का मारा, जिसके कारण करीब दो इंच लंड मेरी गांड के अन्दर घुस गया.
मुझे दर्द होने लगा.

मुझे मालूम था कि गांड मराने में शुरुआत में दर्द तो होता ही है.
मगर उसका लंड मोटा होने के कारण थोड़ा ज्यादा ही दर्द हुआ.

दर्द के कारण मेरा लंड ढीला हो गया.

मैंने अपने दोनों चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और दोनों तरफ फैला लिया.
अब लंड को अन्दर जाने की कुछ ज्यादा जगह मिल गई थी.
तो अब मैंने उसको धक्का देने को कहा.

उसने जैसे ही धक्का मारा, उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर घुसता चला गया.
अब सिर्फ़ आधा इंच लंड गांड से बाहर रह गया था.

मैं एक अनुभवी बॉटम हूँ इसलिए मेरी गांड के छेद को लंड लेने की आदत है.

शुरुआती दर्द के बाद मेरी गांड किसी भी लंड को बड़े आराम से अन्दर तक ले लेती है.

लंड अन्दर चला गया, तो मुझे मीठे दर्द के कारण अपने जिस्म में हल्की सी सिहरन महसूस हुई.
ये लज्जत भरी सिहरन ही मुझे उत्तेजित करती है.

मैं अपनी आंख बंद करके वैसे ही पड़ा रहा.
थोड़ी ही देर में मेरा दर्द खत्म हो गया और मुझे अपनी गांड उसका मूसल मजा देने लगा.

मैंने उससे कहा- अब तुम मेरे ऊपर लेट जाओ. मेरी बगलों में अपने दोनों हाथ डाल कर मेरे कंधों को पकड़ लो और ताकत से धक्का मारो, ताकि तुम्हारी पकड़ से मैं आगे को ना जा सकूँ.

वो समझ गया और इस बार उसने मेरे कंधों को मजबूती से पकड़ कर धक्का मारा.

मेरी गांड के नीचे तकिया लगा होने के कारण मेरी गांड ऊपर को उठी हुई थी.
दूसरी तरफ मेरे टॉप ने मेरे कंधे पकड़ कर धक्का मारना शुरू कर दिया था.

इस कारण मैं उसके धक्के देने पर हिल नहीं पा रहा था.
सही आसन बन गया था और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में कॉर्क की तरह फिर हो गया था. पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया था.

वो समझ गया कि मैं गांड मराने में पर्फेक्ट Xxx गे हूँ.

वो मेरी गर्दन पर चूमते हुए बोला- डार्लिंग, तुम गांड मराने में एक्सपर्ट लगते हो.
मैं बोला- तुम बस मज़ा लो डियर.

वो मुझसे थोड़ी देर वैसे ही लिपटा रहा.
मैं बोला- अब तुम बैठ कर ड्रिंक कर सकते हो.

वो मेरी जांघों पर बैठ गया.
उसने सामने रखी हुए बॉटल से बने हुए पैग में कुछ और व्हिस्की ग्लास में डाल ली और एक सिप लिया. फिर काजू मुँह में डाल कर वो मेरी पीठ को सहलाने लगा.

मैं अपने चूतड़ों को ऊपर उठा कर लेटा हुआ था.
वो मेरी गांड में अपना लंड डाल कर मेरी जांघों पर बैठ कर दारू पी रहा था.

उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी और उसका लंड मेरी गांड में फूलने लगा.
लंड मोटा होने के कारण मेरी गांड का छेद भी फैलने लगा.

उसका लंड मेरी गांड के अन्दर टाइट फंसा था जिसके कारण मुझे मज़ा आने लगा था.

उस मजे ने मेरे लंड को भी हार्ड कर दिया और एक लोहे की रॉड जैसा कर दिया.
मेरा लंड तकिया से दबकर मेरे पेट पर लग रहा था.

उसे दारू पीते हुए जब नशा होने लगा तो वो मुझसे बोला- डार्लिंग मेरा लंड तुम्हारी गांड में मस्त फंसा है … तुम भी देखो न!
मैं बोला- यार मैं उल्टा लेटा हुआ हूँ, मेरी गांड मुझे नहीं दिखती. तुम मेरी जांघों पर बैठे हो, तुम्हारे सामने मेरी गांड है, तुम ही देखो.

वो मेरी गांड को देखते हुए बोला- हां यार, तेरी गांड ने मेरा पूरा लंड अन्दर ले लिया है. डार्लिंग तुमको मज़ा आ रहा है कि नहीं?
मैं बोला- बहुत मज़ा आ रहा है. मेरा लंड भो लोहे की रॉड बन गया है, देखोगे नहीं?
वो बोला- हां देखेंगे, क्यों नहीं देखेंगे.

उसने गिलास रखा और मेरे नीचे से हाथ डाल कर तकिया और मेरे पेट में दबे हुए मेरे कड़क लंड को पकड़ कर कहा- हां यार, यह तो बहुत हार्ड हो गया है. मेरे बाद तुम मेरी गांड मारोगे ना?

मैं बोला- नहीं यार, मैं तेरे जैसा हरफनमौला नहीं हूँ. मैं सिर्फ़ बॉटम हूँ. मुझे गांड मारने में मज़ा नहीं आता.
वो बोला- यार, तेरा लंड तो मस्त खड़ा होता है, फिर भी तुझे गांड मारने की इच्छा नहीं होती, कमाल है?

मैं बोला- मेरा लंड गांड मराते समय झड़ता भी है. मुझे गांड मराने के बाद झड़ते समय डबल मज़ा आता है. एक तरफ लंड झड़ने का मज़ा, दूसरी तरफ मेरी गांड में लंड जो अन्दर बाहर होता रहता है, उसका मज़ा. दो तरफ़ा मजा लेते हुए झड़ना मुझे इतना ज्यादा पसंद है कि क्या कहूँ … और इसी वजह से मुझे गांड मारना अच्छा नहीं लगता.

वो बोला- ठीक है यार, हर एक की अपनी अपनी पसंद है. जैसे चाहे मज़ा लो, इसमें कोई ग़लत नहीं है.

ड्रिंक करते हुए वो थोड़ी थोड़ी देर में आगे पीछे मूव होता और उसका लंड थोड़ा थोड़ा अन्दर बाहर होता.
जिसके कारण हम दोनों बार बार चार्ज होते हुए मजा ले रहे थे.

जब उसका पीना पूरा हुआ तो वो फुल मस्ती में आ गया और बोल्ड हो गया.

वो नशे में बोला- अब चुदाई शुरू करते हैं.
मैं बोला- मेरे ऊपर आकर मेरे सामने हाथ डाल कर मेरे लंड की मुठ मारो.
वो मेरे लंड की मुठ मारने लगा.

कुछ ही पलों में मेरा लंड डबल मज़े के कारण झड़ने को हो गया था.
मैंने उससे मेरे लंड को छोड़ कर गांड चोदने के लिए कहा.

अब वो मेरे कंधे पकड़ कर मेरी गांड में धक्के मारने लगा.
उसके लंड के धक्कों से मेरी गांड के नीचे लगा हुआ तकिया मुझे और भी ज्यादा गहराई तक लंड का मजा मिल रहा था.

उसका लंड भी जब गहराई मेरी गांड में आता जाता, तो उसे भी कमसिन लौंडिया की चुत चुदाई का मजा मिल रहा था.
हम दोनों को काफी मज़ा आ रहा था.

मेरी दोनों टांगें पूरी तरह से खुली हुई थीं.
इस कारण से उसके बॉल्स हवा में झूलते हुए हर स्ट्रोक पर मेरी गांड के छेद के नीचे पट पट मार कर आवाज कर रहे थे.
मुझे इस समय बेहद मज़ा आ रहा था.

वो मुझे चोदते हुए बोला- डार्लिंग, क्या मज़ा आ रहा है. सच में मस्त गांड मरवाते हो.
उसके धक्कों से मेरा लंड तकिया से रगड़ खाते हुए स्वाभाविक रूप से पिलो सेक्स का मजा ले रहा था.

मेरा लंड निरंतर रगड़ खाने से मज़ा लेते हुए झड़ने को हो रहा था.

इधर वसीम भी फुल मस्ती में आ गया था और उसने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी थी.
उसकी स्पीड बढ़ते ही मेरा लंड झड़ने लगा.

मैं मस्ती में आ गया और बोलने लगा- आंह डार्लिंग चोदो यार … जमके चोद दो … मेरा लंड झड़ रहा है.

वो और जम कर गांड मारने लगा.

फिर थोड़ी देर बाद मेरे चूतड़ों को फुल मसलते हुए वो मेरे कंधों को खींचने लगा.
मैं समझ गया कि अब वो भी झड़ने को आ रहा है.

मुझे मालूम है कि झड़ते समय मर्द को लंड ज्यादा से ज्यादा अन्दर घुसेड़ने की इच्छा होती है, इसी लिए वो मेरी गांड को फुल स्पीड में चोद रहा था.
मैं भी उसका सहयोग करते हुए अपने दोनों हाथ पीछे ले गया और उसके चूतड़ों को अपने चूतड़ों पर दबाते हुए मैंने अपने पैर और ज्यादा फैला दिए.

उसका लंड मेरे छेद में माल छोड़ते हुए झटके ले रहा था.
वो मुझसे लिपटा हुआ था.

कुछ ही देर में हम दोनों निढाल हो गए और उसी अवस्था में गिर कर हांफने लगे.

उसके बाद हम दोनों ने अलग होकर खुद को साफ़ किया.
रात को एक बार फिर से उसने मेरी गांड मारी और हम दोनों सो गए.

दोस्तो, आपको मेरी ये बॉटम गे Xxx कहानी पसंद आई होगी.
आप मुझे मेरी इमेल पर मेल कर सकते हैं.
[email protected]

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