पोर्न मॉम सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे ही सामने मेरी मम्मी के बदन का दर्द ठीक करके के बहाने एकदम नंगी कर दिया और उनके जिस्म कि सहलाने लगा.
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दोस्तो, आज मैं फिर एक नया किस्सा लेकर आई हूं लेकिन इसमें मेरी चुदाई नहीं है … पर बहुत मजेदार किस्सा है कि कैसे और क्यों मेरा विक्रम से ब्रेकअप हुआ.
मेरे परिवार के बारे में आप लोग जानते ही हैं.
मेरी मॉम माया, मेरा भाई यश और बहन श्वेता हैं.
मेरे ब्वॉयफ्रेंड विक्रम को भी आप जानते हैं जिसने होली पर पार्टी की थी और मुझे खूब चोदा था.
उसके साथ मेरा ब्रेकअप पिछlए साल लॉकडाउन खुलने के तुरंत बाद हो गया था.
चलो अब मैं आपको पोर्न मॉम सेक्स कहानी में बताती हूं कि ब्रेकअप क्यों और कैसे हुआ था.
एक जुलाई 2020 को पहला लॉकडाउन खुला था, तब तक मेरी जॉब माइक्रोसॉफ्ट में लग चुकी थी और मैं रिचर्ड और तपिश के साथ सेक्स का मजा ले रही थी.
ये सब आप मेरी कहानी
लॉकडाउन में मिला शानदार चुदाई का मजा
में पढ़ चुके हैं.
अब मुझे विक्रम की जरूरत नहीं थी और मैं उससे ब्रेकअप करने का बहाना ढूंढ रही थी.
लॉकडाउन खुलते ही यश और श्वेता अपने फ्रेंड के घर दो दिन के लिए चले गए.
घर में मैं और मॉम अकेले थे और उस दिन वो डिनर का समय था.
मैंने हमेशा की तरह एक छोटी सी शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी, अन्दर कुछ नहीं पहना था.
मेरी मॉम ने भी एक गाउन पहना था और अन्दर कुछ भी नहीं पहना था.
तभी हमारे घर की डोरबेल बजी.
मैं और मॉम हैरान थे कि इस समय कौन आ गया.
तब मैं दरवाजे के पास गई, मेरे पीछे-पीछे मॉम भी आकर थोड़ा फासला बना कर खड़ी हो गईं.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा विक्रम खड़ा था. उसे देख कर मैं चौंक गई.
विक्रम अन्दर आ गया और मुझे बांहों में लेकर चूमने लगा और अपने हाथों से मेरे चूतड़ दबाने लगा.
मैं भी उसका साथ दे रही थी और हम लोग फ्रेंच किस कर रहे थे.
तभी मॉम बोलीं- क्या बात है विक्रम, लगता है अंजलि को बहुत मिस कर रहे थे. कभी हमसे भी गले मिल लिया करो.
मॉम की आवाज सुनकर विक्रम ने मुझे छोड़ा और मॉम से बोला- आंटी, मैं तो आपसे भी इसकी तरह गले मिल लूं, पर आप बुरा मान जाएंगी.
मॉम ने कहा- अरे तुमसे क्या बुरा मानना. आ जा, लग जा गले.
तब विक्रम आगे बढ़ा और मॉम से गले लगा लिया.
उसने मेरी मॉम को कसकर पकड़ लिया और बोला- आप बुरा तो नहीं मानेगी न!
मॉम ने हंसते हुए कहा- अरे नहीं.
विक्रम ने मॉम के चूतड़ पकड़ लिए और उन्हें दबाने लगा. तभी उसने अपना मुँह मॉम की तरफ़ नीचे को किया और मॉम के होंठ चूसने लगा.
ये देख कर मॉम को और मुझे झटका लगा.
मैं चिल्लाई- विक्रम!
विक्रम मुझे नजरअंदाज करते हुए बोला- क्यों आंटी को बुरा लगा क्या?
मॉम कुछ नहीं बोलीं.
अब विक्रम ने एक बार फिर से मॉम के होंठों पर किस किया और उन्हें छोड़ दिया.
विक्रम ने पूछा- क्यों आंटी इस तरह गले लगा कर अच्छा लगा!
मॉम अभी भी कुछ नहीं बोलीं.
विक्रम ने डायनिंग टेबल की तरफ देखा और बोला- शायद डिनर की तैयारी हो रही है.
मॉम बोलीं- हां, आओ तुम भी हमारे साथ डिनर कर लो.
उसने कहा- हां क्यों नहीं, बिल्कुल.
मैंने तीन प्लेट लगाईं और विक्रम की प्लेट अपने बाजू में लगा ली ताकि वो मॉम के साथ कोई बदतमीजी ना कर सके.
अब हम तीनों डायनिंग टेबल पर आ गए और डिनर करने लगे.
विक्रम मेरे साथ वाली चेयर पर था, वो खाना खाते खाते कभी मेरी चूची दबा देता और कभी मेरी चूत पर हाथ मार देता.
तभी मॉम बोलीं- विक्रम तुम डॉक्टर किस बात के हो, जब अपनी आंटी के दर्द में हेल्प नहीं कर सकते!
विक्रम बोला- क्या हुआ आंटी?
मॉम बोलीं- इस लॉकडाउन में घर से लैपटॉप पर काम करते करते कमर, गर्दन और पैरों में दर्द रहने लगा है.
विक्रम बोला- आंटी, डिनर के बाद मैं आपके कुछ प्रेशर पॉइंट्स दबा दूंगा और दर्द खत्म हो जाएगा, लेकिन आपको मुझे डॉक्टर समझकर आपको छूने की इजाजत देनी होगी … और मैं जो भी करूंगा, आप बीच में नहीं रोकेंगी और ना ही अंजलि कुछ कहेगी.
मॉम ने कहा- तू फिक्र मत कर कोई कुछ नहीं कहेगा, बस मुझे इस दर्द से छुटकारा दिला दे.
मॉम ने और विक्रम ने मेरी तरफ देखा, तो मैंने भी कहा- हां हां, मैं कुछ नहीं बोलूंगी.
डिनर के बाद विक्रम ने कहा- थोड़ा आराम कर लो, ताकि खाना थोड़ा हज़म हो जाए, फिर शुरू करते हैं.
मॉम और मैंने दोनों ने हां कहा.
थोड़ी देर बाद विक्रम बोला- चलो अब शुरू करता हूं. आंटी आप पहले ये बताओ कि कहां कहां दर्द है?
मॉम ने कहा- ऐसे कैसे बताऊं, सब जगह दर्द है.
विक्रम ने कहा- ठीक है, आप सोफ़े पर उल्टा होकर लेट जाओ, मैं चैक करता हूं. बस अब आप मुझे डॉक्टर समझना और सब बताना … और हां आंटी इसके बाद मैं अपनी फीस भी लूंगा.
मॉम बोलीं- अपनी बेटी तो दे दी, अब और क्या लोगे?
विक्रम हंस कर बोला- मैं जो भी लूंगा, आपको देना पड़ेगा, वो भी बिना कुछ बोले.
मॉम ने कहा- ठीक है दे दूँगी.
अब मॉम उल्टी होकर सोफ़े पर लेट गईं.
तब विक्रम मॉम के साइड में आया और मॉम की गर्दन और कंधों पर प्रेशर दिया और पूछा- आंटी यहां दर्द है?
मॉम ने कहा- हां है.
फिर विक्रम ने अपर और लोअर बैक दबाई और पूछा- यहां?
मॉम ने हां कहा.
विक्रम ने मॉम के चूतड़ पकड़े और दबाया और पूछा- यहां?
मॉम ने कहा- यहां तो सबसे ज्यादा है. सारा दिन चेयर पर बैठे बैठे मेरे ये दुख जाते हैं.
फिर विक्रम ने पैरों को दबाया तो मॉम ने कहा- आंह हां यहां भी है.
विक्रम ने कहा- अब आप सीधी हो जाओ.
मॉम सीधी होकर लेट गईं.
अब विक्रम ने गाउन के ऊपर से मॉम के घुटने पकड़े, तो मॉम एकदम से चिल्लाईं- आंह यहां तो बहुत दर्द है.
विक्रम ने मॉम के पैर फैला दिए और जांघ के अन्दर का हिस्सा दबाया, तो मॉम ने कहा- हां यहां भी है.
अब विक्रम ने गाउन के ऊपर मॉम की चूत पर हाथ रखा तो मॉम उछल गईं.
विक्रम बोला- आंटी क्या हुआ, मैं एक डॉक्टर हूं … मुझे इलाज से पहले सब चैक करना पड़ता है. क्या आप डॉक्टर से भी शर्माती हैं!
मॉम ने कहा- नहीं.
वो चुपचाप लेट गईं.
विक्रम ने वापस मॉम की चूत पकड़ ली और इस बार कुछ ज्यादा सख्ती से पकड़ी थी.
मॉम गाउन के नीचे कुछ नहीं पहनती हैं, तो मॉम की चूत विक्रम के हाथ में थी.
विक्रम ने पूछा- यहां दर्द होता है या खुजली भी होती है!
मॉम ने धीमे से कहा- दोनों होते हैं.
अब विक्रम ने मॉम की चूत छोड़ दी और पेट दबाने लगा.
तब मॉम ने कहा- यहां कुछ नहीं है.
विक्रम ने मॉम की 38 साईज की चूची पकड़ ली और उन्हें दबाने लगा और पूछा- यहां?
मॉम ने कहा- नहीं.
विक्रम ने मॉम के दोनों निप्पल पकड़े और जोर से खींचे, तो मॉम के मुँह से आह निकला.
विक्रम ने पूछा- अब दर्द हुआ?
मॉम ने धीमे से कहा- हां.
फिर विक्रम साइड हो गया और बोला- आंटी आपकी पूरी बॉडी का इलाज करना पड़ेगा. आपके पास ओलिव ऑइल है?
मॉम ने कहा- हां है.
विक्रम ने मेरी तरफ देखा और बोला- जाओ एक कटोरी में ओलिव ऑइल गर्म करके आंटी के बेडरूम में लेकर आ जाओ, हम लोग वहीं जा रहे हैं.
मॉम ने कहा- बेडरूम में क्यों?
विक्रम बोला- आंटी, यहां खुलकर हाथ नहीं चलेंगे और मुझे आपकी खुलकर फ़िजिओ करनी है.
मॉम ने कहा- हां ये ठीक बात है.
वो दोनों बेडरूम में चले गए और मैं किचन में तेल गर्म करने किचन में आ गई.
थोड़ी देर में, मैं गरम तेल लेकर मॉम के बेडरूम में पहुंची तो देखा मॉम बेड के कोने पर बैठी थीं और विक्रम पीछे बेड पर बैठकर उनकी गर्दन और कंधों पर मालिश कर रहा था.
मॉम का गाउन कंधों से थोड़ा नीचे था.
कमरे का एसी बंद था.
मैंने पूछा- एसी क्यों नहीं चलाया?
मॉम ने कहा- गर्म तेल की मालिश में एसी चलाने से नुकसान होता है, ऐसा विक्रम ने कहा.
विक्रम ने कहा- आंटी आप बेड पर मुँह के बल लेट जाओ और आंखें बंद कर लो. जब तक मैं ना कहूं, आप आंखें मत खोलना … और जैसा मैं कहूं, वैसे करना. आपका दर्द पूरा चला जाएगा.
मॉम लेट गईं और विक्रम ने मुझसे तेल की कटोरी ली और साइड में रखकर मुझे मॉम के साइड में बैठने को कहा.
फिर विक्रम बोला- आंटी, एक प्रॉब्लम है, तेल से मेरे सारे कपड़े खराब हो जाएंगे.
मॉम ने कहा- ओके तुम अपने ऊपर के कपड़े उतार दो, ताकि कपड़े खराब होने से बच जाएं.
ये सुनकर विक्रम ने अपनी टी-शर्ट और जींस उतार दी. अब वो सिर्फ फ्रेंची में था और उसका लौड़ा फूल कर मोटा हो गया था.
मॉम को इस बात का पता नहीं था.
विक्रम मॉम के पैरों के पास आया और गाउन थोड़ा ऊपर कर दिया.
उसने गर्म तेल हाथ में लिया और मॉम के पैरों पर लगा कर पैरों पर मालिश करने लगा.
मॉम को अच्छा लगने लगा.
कुछ मिनट बाद उसने मॉम से पूछा- आंटी कैसा लगा?
मॉम बोलीं- बड़ा सुकून मिल रहा है और ऐसे सुकून की तो तू कोई भी फीस मांगेगा, तो मैं दे दूँगी.
विक्रम हंस कर बोला- फीस तो मैं आपके बोले बिना भी ले लूंगा.
उसकी ये बात मुझे और मॉम को समझ नहीं आई.
फिर विक्रम ने गाउन को घुटने से ऊपर किया औऱ मॉम के पट्ट पर तेल लगाने लगा.
वो थोड़ा थोड़ा दबा भी रहा था.
फिर विक्रम ने कहा- आंटी थोड़ा ऊपर उठो, मुझे आपका गाउन ऊपर करना है.
मॉम ने कहा- क्यों?
विक्रम ने कहा- आंटी कमर पर भी तो तेल लगाना है … और आपको डॉक्टर से शर्म आती है, तो मैं नहीं करता, आप रहो दर्द में.
मॉम ने कहा- अरे नहीं ऐसा नहीं है.
मॉम ऊपर को हो गईं, उसी वक्त विक्रम ने मॉम का गाउन पूरा ऊपर तक कर दिया.
गाउन कंधे पर आकर अटक गया.
विक्रम बोला- आंटी थोड़ा सिर उठाकर हाथ ऊपर करो.
मॉम ने वैसा ही किया और उसी वक्त विक्रम ने गाउन पूरा निकाल दिया.
मैंने कहा- ये क्या किया?
विक्रम बोला- यार, मैं एक डॉक्टर हूं और इसमें क्या फर्क पड़ता है. डॉक्टर के सामने तो सब नंगे ही होते हैं.
मॉम ने मुझसे कहा- तू चुप रह, वो डॉक्टर है … उसे ज्यादा पता है.
अब मुझे समझ आ गया था कि विक्रम मेरी मॉम के साथ खेल रहा था.
हालांकि मुझे अभी भी लग रहा था कि वो मॉम से मजे लेकर छोड़ देगा और चुदाई तक बात नहीं जाएगी.
इधर मैं आपको अपनी मॉम के बारे में बता देती हूँ.
उनकी फिगर 38-34-40 की है और उनके चूतड़ बिल्कुल गोल हैं. वो अपने आपको पूरा फिट रखती हैं. उनके शरीर पर कहीं भी एक्स्ट्रा मांस नहीं है. वो बहुत सेक्सी लगती हैं.
मुझे पता है कि तलाक के बाद वो अपने बॉस से चुदाई करती रहती हैं, लेकिन पिछले 4 महीने से वो घर पर ही हैं, तो वो प्यासी हैं.
मैं तो अपनी प्यास तपिश और रिचर्ड से प्यास बुझाती रहती थी मगर मॉम के लिए किसी का लंड उपलब्ध नहीं था.
फिर विक्रम ने अपने दोनों हाथों में तेल लिया और मॉम के चूतड़ों पर लगा कर उन्हें जोर जोर से दबाने लगा.
वो बोला- आंटी इन्हीं में ज्यादा दर्द हैं ना!
मॉम हल्की आवाज में बोलीं- हां बेटा.
विक्रम ने पूछा- ओके तो मेरे दबाने से आपको कैसा लग रहा है?
मॉम बोलीं- तुम्हारे हाथों में तो जादू है … मेरा पूरा दर्द चला गया.
विक्रम ने अपनी उंगली पर तेल लगाया और मॉम की गांड खोल कर उसके छेद में घुसा दी.
मॉम ने हल्की सी आंह भरी और मेरे ब्वॉयफ्रेंड की उंगली अपनी गांड में ले ली.
विक्रम उंगली को मेरी मॉम की गांड में आगे पीछे करने लगा.
मॉम ने कुछ नहीं कहा, बस अपनी टांगें खोल दीं और गर्म सिसकारियां लेने लगीं.
अब विक्रम ने अपनी उंगली निकाली और वो अपने हाथों में तेल लेकर मॉम की कमर की मालिश करने लगा.
थोड़ी देर में वो मॉम से बोला- आंटी अब कैसा लग रहा है?
मॉम मादक स्वर में बोलीं- अब बहुत अच्छा लग रहा है. मेरी कमर का पूरा दर्द चला गया.
विक्रम ने कहा- आंटी आप ऐसे ही लेटे रहिए. मैं 5 मिनट का ब्रेक ले रहा हूं, फिर आगे बाकी का करूंगा.
मॉम बोलीं- ठीक है.
मैं मॉम के बगल में बैठी थी.
तब विक्रम मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. उसने अपनी फ्रेंची उतार दी और उसका लौड़ा सीधा मेरे मुँह पर आकर लगा.
उसने मुझे लंड चूसने का इशारा किया.
मैंने मुँह खोला तो विक्रम ने अपना लौड़ा मेरे मुँह में ठूंस दिया और वो मेरे मुँह को पूरी स्पीड से चोदने लगा.
मैं ठीक ढंग से सांस भी नहीं ले पा रही थी फिर भी वो मेरे मुँह को अपने लंड से चोदता रहा.
कुछ मिनट में उसने अपना सारा पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया और मेरी नाक पकड़ ली.
मैं सारा पानी पी गई.
फिर उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह से निकाला.
उसका लौड़ा अभी भी सख्त था.
अब उसने मॉम से कहा- आंटी अब आप सीधी हो जाओ, पर आंखें नहीं खोलना.
मॉम सीधी हो गईं और उन्होंने आंखें बंद रखीं.
मेरी मॉम की भरी हुई चूचियां और नंगी चूत, दोनों विक्रम के सामने थीं.
विक्रम भी अब पूरा नंगा था. उसने थोड़ा तेल हाथों में लिया और मॉम की गर्दन और कंधों पर लगाने लगा.
विक्रम मॉम के कंधों और गर्दन की मालिश करने लगा और उसने मॉम से पूछा- आंटी कैसा लगा?
मॉम मस्ती भरी आवाज में बोलीं- मेरा सारा दर्द चला गया … और ऐसा लगता है, जैसे मैं जन्नत में हूं.
विक्रम बोला- अभी कहां जन्नत … अभी तो आपको जन्नत पहुंचना बाकी है.
मेरी मॉम ने कुछ नहीं कहा.
विक्रम ने तेल लिया और मॉम के पेट पर लगाया. थोड़ी देर मालिश की.
फिर उसने दुबारा से बहुत सारा तेल हाथ में लिया और मॉम की दोनों चूचियों पर लगा कर उन्हें दबाने लगा.
तभी मॉम कुछ बोलने को हुईं तो विक्रम बोला- आंटी, अब टोकना मत. मुझे करने दीजिए.
मॉम ने कुछ नहीं कहा.
विक्रम मॉम के चूचों को बहुत जोर से दबा रहा था.
वो बोला- आंटी आपके बूब्स अंजलि से बड़े और मुलायम हैं. मैं अब आपको एक स्पेशल मालिश दूँगा, आप बस एन्जॉय करना … और कुछ मत बोलना.
मॉम ने कहा- ओके.
शायद मॉम की दबी हुई आग भड़कने लगी थी.
फिर विक्रम अपना मुँह नीचे मम्मों पर लाया और मॉम का एक निप्पल मुँह में लेकर चुभलाने लगा; साथ ही उसने दूसरा निप्पल अपने हाथ की दो उंगलियों में दबा लिया और मींजने लगा.
वो मेरी मॉम का एक निप्पल चूस रहा और दूसरा मसल रहा था.
मेरी मॉम को मस्ती चढ़ने लगी और अब वो कामुक आवाज में ओह आह करने लगीं.
दोस्तो, मैं अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में आगे का हाल लिखूँगी कि मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने मेरी मॉम की किस तरह से चुत गांड मारी और मेरा उससे ब्रेकअप होने के बाद कैसे क्या हुआ.
आप मुझे मेल करें कि यह पोर्न मॉम सेक्स कहानी कैसी लग रही है.
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पोर्न मॉम सेक्स कहानी का अगला भाग: मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने मेरी मॉम को चोद दिया- 2