लेस्बियन गर्ल्स पार्क सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं और मेरी सहेली नर्स हैं, हम आपस में समलिंगी सेक्स का मजा लेती हैं. लॉकडाउन में हमने पार्क में नंगी होकर सेक्स किया.
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हैलो मेरे प्यारो, लो आ गयी वापस आपकी अपनी प्रिया.
दोस्तो, आप लोगों के काफी सारे मेल आए, जिनमें आपका प्यार भरा हुआ था.
अधिकतर लोगों ने कहा कि वो मेरी कहानियां आगे भी पढ़ना चाहते हैं.
आपकी उसी फरमाइश पर मैं आपके लिए अपनी नयी हॉट लेस्बो सेक्स स्टोरी लेकर आई हूं.
जैसा कि आप सब को पता ही है कि कैसे मेरे और मेरी बेस्ट फ्रेंड प्रियंका के बीच दोस्ती और भी गहरी हो गयी थी.
जो पाठक नए जुड़े हैं, उनको बता दूं कि मेरा नाम प्रिया है और मैं मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं.
यह कहानी मेरी और मेरी बेस्ट फ्रेंड प्रियंका की है. स्कूल टाइम से ही हम दोनों पक्की सहेली रही हैं और सारे मज़े खुल कर करती हैं.
ये सब आपको मेरी पुरानी सेक्स स्टोरी में पता ही चल गया होगा. नए पाठक मेरी पिछली सेक्स कहानी
जिस्म की हवस ने लेस्बियन बना दिया
पढ़ सकते हैं.
यह लेस्बियन गर्ल्स पार्क सेक्स कहानी उसके आगे की ही दास्तान समझ लो.
वैसे इसके पहले हमने और भी कई बार मज़े किए थे लेकिन न जाने इस बार की हरकतों को आप सभी साझा करने का मन हो गया है.
यह घटना लॉक डाउन के पहले हफ्ते की ही है जब दुबारा लॉक डाउन लग गया था.
हमारा रूटीन फिर से घर से हॉस्पिटल और हॉस्पिटल से घर हो गया था.
हफ्ते में एक दिन छुट्टी मिली थी.
उस दिन मैंने अपना सारा काम किया और आराम करने लगी.
थोड़ी देर में मैं घर पर बोर होने लगी थी.
मैंने प्रियंका को कॉल करके कहा कि चल कहीं घूम कर आएंगे.
क्योंकि हमारे पास हॉस्पिटल की आई-डी तो थी ही, इसलिए हमें लॉक डाउन में आने जाने की पूरी अनुमति थी.
मैं जल्दी से तैयार हो गयी और प्रियंका के घर आ गयी.
थोड़ी देर उसके घर पर हमने तय किया कि कहां चलें.
प्रियंका मुझे पार्क ले गयी जो सिटी से थोड़ी दूरी पर था.
वहां सामान्य दिनों में सभी मज़े लेने आया करते थे मगर लॉक डाउन की वजह से सड़क और पार्क दोनों खाली थे.
हम दोनों अन्दर आ गए और काफी देर तक बैठे रहे.
हमारी बातें चलती रहीं.
कुछ देर बाद प्रियंका मेरे करीब आ गयी और उसने अपना पैर मेरे पैरों के बीच में फंसा दिया.
फिर गले मे हाथ डाल कर मेरे बूब्स दबाने लगी.
मैं- ये सब घर पर पागल … अभी शांति से बैठ!
प्रियंका- तुझे पता है कि मैं यहां क्यों लाई हूँ तुझे?
मैं- साली कहीं यहां खुले में तू वो सब करने की तो नहीं सोच रही न!
प्रियंका- वो सब खुले में ही तो करने का मन है … वरना थोड़ी देर पहले हम दोनों घर पर ही तो थे.
मैं- नहीं यार, इधर कोई देख लेगा. तू पागल हो गयी है. भले रूम में चल और उधर कर लेना, लेकिन यहां नहीं.
प्रियंका- साली, देख पूरा शहर खाली है सड़क पर नंगी भी घूमेगी न … तो भी दो चार लोग से ज्यादा कोई नहीं देख पाएंगे तुझे … समझी. और यहां कौन आएगा … बता! इतने पेड़ है और मेन रोड भी दूर है … अगर कोई गाड़ी की आवाज आएगी तो हम संभल जाएंगे.
हालांकि मैंने अपने बायफ़्रेंड का लंड पब्लिक प्लेस में बहुत बार चूसा है लेकिन आज थोड़ा डर लग रहा था.
मैं- तू नहीं मानेगी न कमीनी.
मेरे इतना कहते ही प्रियंका ने अपना शर्ट ऊपर किया और ब्रा नीचे करके अपने दोनों बूब्स बाहर कर दिए.
धूप के उजाले में उसके बड़े दूध और भी हसीन लग रहे थे.
अब तक मैंने सिर्फ बंद दरवाजे के पीछे लाइट की रोशनी में ही उसके मम्मे देखे थे.
प्रियंका अपने ही हाथों से अपने दोनों बूब्स को मसलती हुई बोली- साली, अब सिर्फ देखती ही रहेगी या आकर चूसेगी भी!
मैं इधर उधर देख कर बेख़ौफ़ हुई और प्रियंका के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगी.
अपने बूब्स छोड़ कर प्रियंका मेरे दूध मसलने लगी- कुतिया काट न दांतों से आहह हह उम्मम महह … उफ़!
प्रियंका ने मेरे बालों को पकड़ कर किस करने ऊपर को मुझे खींचा और हम एक दूसरे के होंठों को मज़े से चूमने लगे.
हम दोनों लिप लॉक करके होंठों को चूमने लगे थे.
बहुत लम्बी वाली किस होने लगी.
फिर मैं दुबारा प्रियंका के एक दूध को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर पीने लगी.
प्रियंका ने मेरा टॉप ऊपर किया और ब्रा से मेरे भी दूध बाहर कर लिए. अपने दोनों हाथों से दबाते हुए मेरे मम्मे मसलने लगी.
हम दोनों बड़े ही प्यार से एक दूसरे के मम्मों को आपस में टकराने लगी.
फिर प्रियंका मेरी चूची को दबाती हुई पीने लगी.
प्रियंका की जीभ को महसूस करने के साथ साथ मैं फिर से इधर उधर देखने लगी कि कहीं कोई है तो नहीं.
थोड़ी देर में प्रियंका ने खड़ी होकर अपनी सलवार को घुटनों तक नीचे सरका दिया और पैर ऊपर उठा कर वापस पार्क की चेयर पर बैठ गयी.
प्रियंका बिना पैंटी के ही आई थी.
मैं नीचे बैठ गयी और अपनी उंगलियां प्रियंका की चूत पर घुमाने लगी.
प्रियंका- आहह मजा आ रहा है यार … अन्दर डाल न!
मैंने अपनी दो उंगलियां गीली करके प्रियंका की चूत में डाल दीं और ऊपर से जीभ भी चलाने लगी.
प्रियंका- आह्ह … ओ माई गॉड … प्रिया फक मी प्लीज.
मैं- साली, जब तेरा यहां का मूड था तो अपना फेवरेट वाला लंड ही ले आती.
हम दोनों ने दूसरी बार लेस्बियन सेक्स करते वक्त कुछ दोनों की पसन्द के डिल्डो मंगवाए थे. मुझे आज उसी की याद आ गई थी.
प्रियंका- वो सब रूम में ही कर लेंगे … तू अभी जीभ लगा न अपनी. पहले मेरी गर्मी बुझा.
मैं प्रियंका की जांघों को पकड़ कर उसकी चूत नॉन स्टॉप चाटने लगी. उसकी चूत के हर कोने को मेरी जीभ ने टक्कर मारी.
प्रियंका अपने दूध दबाती हुई चूत चटाई का मज़ा ले रही थी और उसकी चूत चाटने में मुझे भी मजा आ रहा था.
मुझे मालूम था कि जितना मजा प्रियंका को मिलेगा, उससे कई गुना ज्यादा वो अपनी बारी में मुझे देती है.
थोड़ी देर में हमें पुलिस पेट्रोलिंग गाड़ी के सायरन की आवाज़ आयी.
हम दोनों पार्क सेक्स छोड़ कर अकबका कर उठी और जल्दी से अपने कपड़े ठीक करके अपने मास्क लगा कर बैठ गयी.
मैंने कहा- चल रूम पर ही सेफ रहेगा.
अब प्रियंका मान गयी और हम दोनों उसके रूम पर जाने लगे.
प्रियंका पूरे जोश में आ चुकी थी इसलिए वो पीछे बैठी हुई ही मेरे मम्मों से खेलने लगी.
मेरे टॉप के अन्दर हाथ डाल कर निप्पलों को उंगलियों के बीच दबाने लगी.
सड़क पूरी खाली होने के कारण मैंने भी उसे नहीं रोका.
प्रियंका- जल्दी चल न बे … मुझसे नहीं रहा जा रहा.
थोड़ी देर में हम दोनों रूम के अन्दर आ गई और दरवाजा लगाते ही बिना किसी देरी के हमने अपने कपड़े वहीं उतार दिए, एक दूसरी से लिपट कर चूमने लगी और हमारे हाथ भी अपना काम बखूबी से करने लगे.
हम दोनों मस्त होकर मादक आवाज में सिसकने लगी.
हमारे मम्मे भी आपस में मिल चुके थे.
हम एक दूसरी को चूमती हुई बेड की तरफ आ गईं और लेट कर अच्छे से लिपट गईं.
अब हम दोनों की सांसें तेज हो गईं.
प्रियंका धीरे धीरे मेरे बदन को चूमती हुई नीचे जाने लगी.
पहले उसने मेरे होंठ चूमे, फिर गले पर … और फिर मेरे मम्मों और निप्पलों को चूमती हुई मेरी जांघों पर आ गयी.
हम दोनों की चूत पूरी गीली हो गयी थी.
मैंने अपने पैर फ़ैला दिए और प्रियंका मेरी तरफ देखती हुई मेरी चूत चाटने लगी.
वो भी अपनी जीभ कभी अन्दर डाल देती और कभी बाहर निकाल कर चूत के ऊपर घुमाने लग जाती.
मैं आंखें बंद करके कामुक सिसकारियां लेने लगी- हम्म्म चाट यार … अच्छे से पूरी जीभ डाल दे आंह मजा आ रहा है.
वो अपने होंठों को दबाने लगी.
कुछ देर बाद प्रियंका ने मेरा एक पैर ऊपर किया और अपनी चूत मेरी चूत पर रख कर अपनी गांड गोल गोल घुमाने लगी.
हम दोनों अपनी गीली चूत आपस में रगड़ने लगे और दोनों उत्तेजना भरी आवाजें निकालने लगीं.
‘आह आह चोद प्रिया चोद … मैं भी तुझे चोदूंगी … उफ्फ जोर लगा साली … और जोर से रगड़ … आह.’
हम दोनों एक दूसरे की चूत से चूत रगड़ती रहीं.
कभी वो मेरे ऊपर, कभी मैं उसके ऊपर होकर चूत को रगड़ सुख देती रहीं.
कुछ देर बाद हम दोनों 69 में आ गईं और फिर से एक दूसरे की चूत का स्वाद लेने लगीं.
हमारी गीली चूत की रगड़ से पानी थोड़ा झागदार बन चुका था.
मैंने प्रियंका की चूत साफ करके जीभ लगाई मगर प्रियंका ने मेरी चूत अपनी जीभ से ही साफ कर दी और अपने होंठों को मेरी चूत में लगा कर मेरी चूत खाने लगी.
मुझे उसके होंठों के अलावा दांत भी फील होने लगे.
मैं भी उसकी मोटी गांड पकड़ कर चूत को अपने मुँह में ढकेलने लगी और काटने लगी.
हमने ऊपर नीचे होकर काफी देर तक एक दूसरे की चूत चाटी.
फिर हमने अपने खजाने का डब्बा खोला, जिसमें सेक्स टॉय और वाइब्रेटर रखे हुए थे. मैंने डबल साइड टिप वाला नकली लंड निकाला, जो काफी बड़ा था.
पहले हम दोनों उसे अपने मुँह में लेकर ऐसे गीला करने लगी मानो असली लंड ही चूस रही हों.
फिर हम दोनों घोड़ी की पोज़ में आईं और दोनों ने एक एक साइड से अपनी चूत में लंड डाल लिया.
मोटा होने के कारण हम अपनी गांड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगीं.
डिल्डो हमारी चूत के अन्दर जाने लगा और हमारी आवाजें बाहर आने लगीं.
‘आहह उम्म महह फक मी साली रांड … आह चोद मां की लवड़ी …’
हम दोनों मस्त होने लगी थीं और अपनी चूत की आग बुझाने में मगन हो चुकी थीं. हम एक दूसरी को गाली देती हुई हम दोनों मस्ती में खो गई थीं.
कुछ समय तक हम दोनों धीरे धीरे आगे पीछे होती रहीं.
फिर जब दोनों की चूत थोड़ी खुली तो हम अपनी कमर और गांड तेजी से मटकाने लगीं.
हमने वो नकली लंड अपनी चूत के इतना अन्दर ले लिया था कि हमारी गांड भी एक दूसरे से टच होने लगी मानो बीच में कुछ बचा ही नहीं हो.
उस वक़्त हमारी कामुक आवाज अगर कोई सुन लेता तो उसका पानी 2 मिनट में ही बाहर आ जाता.
थोड़ी देर हम यूं ही तेजी में करती रही … फिर मैं रुक गयी और दोनों की चूत से वो बड़ा लंड बाहर निकाल लिया.
वो पूरा लौड़ा हमारी चुतों के पानी में सराबोर हो चुका था.
मैंने वो पकड़ कर प्रियंका की पूरी गांड और चूत पर घुमाया और अपनी चूत में उंगली करने लगी.
फिर उसी खिलौने से प्रियंका की गांड थपथपाने लगी.
प्रियंका अभी भी घोड़ी ही बनी हुई थी.
मैं प्रियंका के चूत के नीचे सर रख कर लेट गयी और दुबारा चूत चाटने लगी.
प्रियंका अपने आखरी दौर में पहुंच चुकी थी, वो तेजी में अपनी चूत मेरे मुँह पर घुमाने लगी.
मैंने जल्दी से बेड पर पड़ा दूसरा नकली लंड उठाया और जोर जोर प्रियंका की चूत में अन्दर बाहर करने लगी.
प्रियंका- आंह चोद दे यार आह हहह पूरा लंड अन्दर डाल दे मेरी चूत में चोद मां की लौड़ी रंडी आंह बहनचोदी.
हम दोनों पूरी लेस्बियन बन चुकी थीं और उसकी आवाज आने लगी थी ‘आह आह जान मेरा होने वाला है रुकना मत … डालती रह प्लीज …’
तभी प्रियंका ने मुझे हटाया और बिस्तर पर ही फारिग हो गयी.
उसने पूरी बेडशीट गीली कर दी थी.
मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगी.
प्रियंका ने कहा- आ मेरी जान, अब तेरी चूत की बारी है.
उसने छोटा लंड गीला करके मेरी गांड में डाला.
मैं सिसकती हुई लंड अपनी गांड में ले गयी.
प्रियंका मेरे पैर फैला कर चूत पर वाइब्रेटर घुमाने लगी और चाटने लगी.
बाइब्रेटर का कम्पन चूत में काफी मजेदार था.
प्रियंका अपने दोनों हाथों से वाइब्रेटर और डिल्डो का इस्तेमाल कर रही थी.
मैं मस्त होकर सिसकारियां लेने लगी और अपने बूब्स खुद मसलने लगी.
मेरी चूत ने पहले हल्का पानी आया.
प्रियंका ने वाइब्रेटर छोड़ा और चूत में मुंह लगा कर पानी चाटने लगी.
उसकी जीभ के मेरी चूत के अन्दर जाते ही बाकी का पानी भी बाहर आ गया.
प्रियंका उसे चूत पर फैला कर चाटने लगी.
मैं- साली, दिन पर दिन तू और जंगली होती जा रही है.
प्रियंका- तेरे लिए कुछ भी पागलपंथी कर सकती हूँ मेरी जान.
हम दोनों कुछ देर नंगी बैठी रहीं, एक दूसरी के मम्मों को दबाती हुई मस्ती करती रहीं.
फिर प्रियंका ने सिगरेट जलाई और दोनों यूं ही नंगी लेट कर बातें करती रहीं.
कुछ देर और मजा किया, उसके बाद हम दोनो नंगी ही सो गईं.
हम दोनों सीधे शाम को उठीं और बाथरूम में हमने अपने खिलौने और खुद को साफ किया.
प्रियंका ने बेडशीट वाशिंग मशीन में डाली और हम दोनों फ्रेश होकर नंगी ही कॉफ़ी बनाने लगीं और साथ में काफी पी.
उसके बाद मैंने कपड़े पहने और मैं घर आ गई.
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