Mummy ki saheli ko choda

Mummy ki saheli ko choda – Antervasna Free Sex Kahani मेरा नाम रमन है मैं विदेश में रहता हूं, मेरी उम्र 27 वर्ष है। मेरा परिवार गाजियाबाद में रहता है और मुझे 3 वर्ष हो चुके हैं जब से मैं घर नहीं गया। मैं यहीं पर नौकरी कर रहा हूं और मैंने जब कॉलेज की पढ़ाई की थी उसके बाद ही मेरी नौकरी एक विदेशी कंपनी में लग गई इसलिए मुझे यहां पर ज्वाइन होना पड़ा।

मुझे 3 साल हो चुके हैं लेकिन मैं अभी तक घर नहीं गया हूं। मैं हमेशा अपने माता पिता को फोन करता हूं और उनके हाल-चाल पूछ लेता हूं। मेरे पिताजी स्कूल में प्रिंसिपल हैं और मेरी मम्मी भी स्कूल में टीचर हैं, मेरी बहन अभी कॉलेज में पढ़ रही है। मैं उनसे हमेशा ही फोन पर बात करता हूं और उनके हाल-चाल पूछ लिया करता हूं। उन लोगों ने मुझे एक अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलवाया, जिससे कि मेरा विदेश में ही नौकरी का हो पाया। मैं अपने जीवन से बहुत ही खुश हूं, मैंने जब भी अपने माता पिता से कुछ भी चीज मांगी तो उन्होंने तुरंत ही मुझे लाकर दी।

उन्होंने मुझे बचपन से बहुत ही प्रेम किया जिससे कि मैं भी उनका बहुत आदर और सम्मान करता हूं। मेरे जितने भी दोस्त मेरे घर पर आते थे तो वह सब मेरे माता-पिता की बहुत तारीफ करते थे और कहते थे कि तुम्हारे माता-पिता बहुत ही अच्छे हैं और वह तुम्हें बहुत अच्छे से समझते हैं। मुझे भी अपने माता और पिता पर बहुत गर्व होता था। वह मुझे हमेशा ही समझाते रहते थे कि तुम अपने जीवन मैं मेहनत करो, जिससे कि तुम्हारा भविष्य बहुत अच्छा हो इसलिए मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई बहुत ही अच्छे से की और जब मेरा इंटरव्यू हुआ तो मैंने अपना इंटरव्यू बहुत अच्छे से दिया था।

इसी वजह से मेरा सिलेक्शन इस कंपनी में हो गया क्योंकि मैंने 3 साल का कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया था, वह खत्म होने वाला था जैसे ही मेरा एग्रीमेंट खत्म हुआ तो मैं घर जाने की तैयारी करने लगा। मैंने अपने पिताजी को भी फोन किया और कहा कि मैं घर आ रहा हूं। मैंने अब अपने फ्लाइट की टिकट करवा ली थी और कुछ दिनों बाद ही मैं घर जाने वाला था।

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उस बीच में मैंने अपना सारा काम कर लिया था ताकि जब मैं वापस लौटू तो मुझे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो। मेरे साथ में जो लड़का रहता था वह कहने लगा कि तुम यदि मेरे घर पर जाओ तो मेरा सामान घर पर पहुंचा देना। हम दोनों का ही साथ में सिलेक्शन हुआ था इसलिए मैंने उसे कहा ठीक है तुम वह सामान मुझे दे दो, मैं तुम्हारा सामान घर पर पहुंचा दूंगा। मैंने उससे उसका सामान ले लिया। उसका परिवार भी गाजियाबाद में ही रहता है। जब मैं घर पहुंचा तो मेरे पिताजी बहुत खुश हुए और कहने लगे कि हम तुम्हे इतने वर्षों बाद देख रहे हैं, हमें बहुत ही अच्छा लग रहा है।

मैं अपने परिवार वालों से मिलकर बहुत खुश था और मैं काफी दिनों तक घर पर ही रहा। कुछ दिन बाद मुझे ध्यान आया कि मुझे अपने दोस्त का सामान भी देना है, मै उसका सामान देने के लिए उसके घर पर चला गया। उसकी मम्मी ने मुझे कहा कि तुम कुछ देर बैठ जाओ। मैंने उन्हें कहा कि आंटी अभी मुझे लेट हो रही है, मैं किसी और दिन घर पर आऊंगा और फुर्सत से आपके घर पर बैठूंगा। मैं ज्यादा देर उनके घर पर नहीं रुका और वहां से मैं अपने घर लौट आया। जब मैं अपने घर लौट आया तो मैं अपने लैपटॉप में गाने सुन रहा था और मैंने अपने कान में हेडफोन लगाए हुए थे लेकिन मुझे गाने सुनते सुनते नींद आ गई, मुझे मालूम भी नहीं पड़ा कब मुझे नींद आ गई। मैं शाम के वक्त उठा, शाम को जब मैं उठा तो उस वक्त मेरी मम्मी की सहेली हमारे घर पर आई हुई थी।

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मुझे उनकी आवाज सुनाई दे रही थी क्योंकि मैं कमरे के अंदर ही था। मैं जब उठा तो मैं बाहर चला गया। मेरी मम्मी ने अपनी सहेली से मुझे मिलवाया और कहने लगी यह शर्मिला है और हमारे पड़ोस में ही रहती हैं,  मैंने उन्हें इससे पहले कभी भी नहीं देखा था। मैंने उन आंटी से पूछा कि मैंने आपको इससे पहले कभी नहीं देखा, वह कहने लगी कि हम लोग कुछ समय पहले ही यहां पर शिफ्ट हुए हैं। उनकी मेरी मम्मी के साथ बहुत अच्छी बनती थी इसलिए वह हमारे घर पर हमेशा ही आती थी। अब मैं अपने घर पर ही था और शर्मिला आंटी भी हमेशा ही घर पर आती थी।

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एक दिन वह मुझसे पूछने लगी की तुमने तो अपनी बॉडी बहुत ही अच्छी बनाई हुई है, मैंने कहा कि मैं विदेश में रहता हूं और मुझे जिम का पहले से ही शौक था इसीलिए मैं जिम में बहुत देर तक कसरत करता हूं। मैंने उन्हें कहा कि आपने भी तो अपना शरीर बहुत मेंटेन करके रखा हुआ है क्योंकि वह अपना बुटीक चलाती हैं इसलिए उन्हें अपने आप को मेंटेन करना अच्छा लगता है। वह कहने लगी कि मैं भी अपने शरीर पर बहुत ध्यान देती हूं।

जब मैं घर पर था तो मैं उस वक्त भी मैं जिम जाता था और शर्मिला आंटी भी जिम में शाम के वक्त आती थी। वह कभी-कभार मुझे मिल जाया करती तो मैं उनसे बात कर लिया करता था और कभी वह हमारे घर पर आ जाती तो वह मुझसे बात कर लेती थी। मैं अपने पुराने दोस्तों से मिलने के लिए उनके घर चला गया। मेरे दोस्त मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए और कहने लगे कि तुम बहुत समय बाद विदेश से लौटे हो। वह लोग मुझसे मिलकर बहुत ज्यादा खुश थे। मैं उनसे मिलकर अपने घर वापस लौट आया, मैंने उस दिन जल्दी खाना खा लिया था और मैं सो गया। अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज सुबह मॉर्निंग वॉक पर चला जाऊं क्योंकि मैं बहुत जल्दी उठ गया था इसलिए मैं उस इन मॉर्निंग वॉक पर चला गया।

मैं अपने घर के पास के पार्क में चला गया और वहां पर मैं जोगिंग करने लगा।  जब मैं जॉगिंग कर रहा था तो उस दिन शर्मिला आंटी भी मुझे दिख गई वह भी जोगिंग कर रही थी। जब वो जोगिंग कर रही थी तो उनकी बडी बडी गांड और स्तन हिल रहे थे। मैं उन्हें काफी देर से देखे जा रहा था लेकिन उन्होंने मुझे नहीं देखा। जब उन्होंने मुझे देखा तो वह मुझे कहने लगी क्या तुम रोज जोगिंग आते हो। मैंने उन्हें कहा कि नही मैं आज ही आया हूं। हम दोनों घर साथ जा रहे थे लेकिन रास्ते में मैंने उनकी गांड पर हाथ मार दिया। जब हम लोग उनके घर के पास पहुंच गए तो वह कहने लगी कि तुम चाय पी कर चले जाना।

मैं आपके घर पर चला गया हूं और जब वह चाय बना रही थी तो मैने बड़ी जोर से उन्हें दबा दिया। मैंने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया तो उनकी गांड मुझसे टकरा रही थी मेरा पूरा लंड खड़ा हो चुका था। उन्होंने भी अपनी सलवार को नीचे करते हुए अपनी गांड को मेरे सामने कर दिया जैसे ही मैंने उनकी बड़ी और मोटी गांड को देखा तो मुझसे भी बिल्कुल नहीं रहा गया। मैंने उनकी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जब मेरा लंड उनकी गांड के अंदर घुसा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा और मैं बड़ी तेजी से उन्हें  झटके देने लगा। वह पूरे मूड में आ चुकी थी वह अपनी गांड को मेरे लंड से टकराने लगी।

मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था जब वह अपनी गांड को मुझसे टकरा रही थी। मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी गांड को इस प्रकार से मुझसे टकरा रही है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के देना शुरू कर दिया और बड़ी तेज तेज मैं उन्हें धक्के मार रहा था। उनक गांड से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर निकलने लगी और मुझसे भी उनकी गांड की गर्मी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रही थी और उसे गर्मी के बीच में मेरा माल शर्मिला आंटी की गांड में गर गया। जैसे ही मेरा माल उनकी गांड गिरा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। उन्होंने मुझे कहा कि तुमने तो बहुत ही अच्छे से मेरी गांड मारी है मुझे बहुत मजा आया तुमने जिस प्रकार से मेरी गांड के घोड़े खोल दिए। उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे सकिंग कर रही थी। वह अपने मुंह में लेकर मेरे लंड को चूसती जाती जिससे कि मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा और वह भी बहुत खुश थी।

उन्होंने चूसते चूसते मेरे माल को अपने मुंह के अंदर ही ले लिया। उसके बाद उन्होंने मेरे लिए गरमा गरम चाय बनाई और मैंने वह चाय पी ली। उसके बाद मैं अपने घर चला गया लेकिन मुझे उनकी गांड मारने में जो मजा आया वह मजा मुझे आज तक कभी भी नहीं आया था।

Kaisi lagi meri sex kahani – Mummy ki saheli ko choda ?

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